संज्ञा


संज्ञा 

परिभाषा  

किसी प्राणी, वस्तु, स्थान, भाव, अवस्था, गुण या दशा के नाम को संज्ञा कहते हैं।
जैसे आलोक, पुस्तक, जोधपुर, दया, बचपन, मिठास, गरीबी आदि ।



प्रकार  

संज्ञा मुख्यतः तीन प्रकार की होती है-

(1) व्यक्तिवाचक संज्ञा 

(2) जातिवाचक संज्ञा 

(3) भाववाचक संज्ञा


(1) व्यक्तिवाचक संज्ञा  

व्यक्ति विशेष, वस्तु विशेष अथवा स्थान विशेष के नाम को व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे :- 

व्यक्ति विशेष : अभिषेक, गुंजन, कविता, कामिनी, लोकेश ।
वस्तु विशेष: रामायण, ऊषापंखा, रीटामशीन ।
स्थान विशेष : जयपुर, गंगा, ताजमहल, हिमालय ।

(2) जातिवाचक संज्ञा  

जिस संज्ञा से किसी प्राणी, वस्तु अथवा स्थान की जाति या पूरे वर्ग का बोध होता है, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे :- 

प्राणी : मनुष्य, लड़की, घोड़ा, मोर, सेना, सभा

वस्तु :पुस्तक, पंखा, मशीन, दूध, साबुन, चाँदी

स्थान : पहाड़, नदी, भवन, शहर, गाँव, विद्यालय

(3) भाववाचक संज्ञा  

किसी भाव, अवस्था, गुण अथवा दशा के नाम को भाववाचक संज्ञा कहते हैं। 

जैसे: - सुख, बचपन, सुन्दरता ।

विशेष : 

कतिपय विद्वान अंग्रेजी व्याकरण की नकल करते हुए हिन्दी में भी (1) समुदायवाचक
संज्ञा तथा (2) द्रव्यवाचक संज्ञा दो भेद और बताते हैं किन्तु हिन्दी में उक्त दोनों भेद जाति-वाचक
संज्ञा के अन्तर्गत आते हैं।

भाववाचक संज्ञाएँ बनाना 

जातिवाचक संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, किया तथा कुछ अव्यय पदों के साथ प्रत्यय के मेल
से भाववाचक संज्ञाएँ बनती हैं। यथा :- 

१. जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा

ता प्रत्यय के मेल से :- मानव - मानवता, मित्र - मित्रता, प्रभु - प्रभुता, पशु - पशुता

त्व प्रत्यय के मेल से :- पशु-पशुत्व, मनुष्य-मनुष्यत्व, कवि- कवित्य, गुरु-गुरुत्य ।

पन प्रत्यय के मेल से :- लड़का - लड़कपन, बच्चा - बचपन ।

आपा प्रत्यय के मेल से :- बूढा - बुढ़ापा, बहन - बहनापा।

संधि से बने शब्द :- शिशु - शैशव, गुरु - गौरव, विभु - वैभव, भक्त - भक्ति, नौकर - नौकरी, चोर - चोरी।

२. सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा 

त्व प्रत्यय के मेल से :- अपना - अपनत्व, निज - निजत्व, स्व - स्वत्व ।

पन प्रत्यय के मेल से :- अपना - अपनापन, पराया - परायापन ।

कार प्रत्यय के मेल से :- अहं - अहंकार ।

स्व प्रत्यय के मेल से :- सर्व - सर्वस्व ।

३. विशेषण से भाववाचक संज्ञा 

आई प्रत्यय के मेल से :- साफ - सफाई, अच्छा - अच्छाई, बुरा - बुराई ।

आस प्रत्यय के मेल से :- खट्टा - खटास, मीठा - मिठास।

ता प्रत्यय के मेल से :- उदार - उदारता, वीर - वीरता, सरल - सरलता ।

य प्रत्यय के मेल से :-  मधुर - माधुर्य, सुन्दर - सौन्दर्य, स्वस्थ - स्वास्थ्य ।

पन प्रत्यय के मेल से :- खट्टा - खट्टापन, पीला - पीलापन ।

त्व प्रत्यय के मेल से :- वीर - वीरत्व ।

ई प्रत्यय के मेल से :- लाल - लाली ।

४. क्रिया से भाववाचक संज्ञा 

आई : - चढ़ना - चढ़ाई, पढ़ना - पढ़ाई, लिखना - लिखाई ।
आवट :- बनाना - बनावट, थकना - थकावट, लिखना - लिखावट ।
आव :- चुनना - चुनाव ।
आहट :- घबराना - घबराहट, गुनगुनाना - गुनगुनाहट ।
न :- उड़ना - उड़ान, लेना-देना - लेन-देन, खाना-खान ।

५. अव्यय से भाववाचक संज्ञा

ई :- भीतर - भीतरी, ऊपर - ऊपरी, दूर - दूरी ।

य :- समीप - सामीप्य ।

इक :- परस्पर - पारस्परिक, व्यवहार -व्यावहारिक।

ता :- निकट - निकटता, शीघ्र - शीघ्रता।