हिंदी के विविध रूप (संपर्क भाषा, राष्ट्रभाषा, राजभाषा, माध्यम भाषा, संचार भाषा)
संपर्क भाषा :- संपर्क भाषा वह भाषा है जो दो भाषा-भाषियों को एक समान धरातल पर खड़ा करती है। अर्थात संपर्क भाषा वह भाषा है जिसे जो विभिन्न भाषा-भाषी आसानी से समझ सकते हो। डॉ. भोलानाथ तिवारी के अनुसार," जो भाषा अन्य लोगों से संपर्क के काम आए, उसे संपर्क भाषा कहते हैं।
आज अंग्रेजी भारत की संपर्क भाषा है। हिंदी भी एक बड़े भू-भाग की सम्पर्क भाषा है। इसके प्रचार प्रसार की जरूरत है।
राष्ट्रभाषा :- किसी देश की राष्ट्रभाषा उस देश के बहुसंख्यक लोगों की भाषा को माना जाता है। अर्थात जब कोई भाषा अपने महत्व के कारण राष्ट्र के विस्तृत भू-भाग में जनता द्वारा अपना ली जाती है, तो उसे राष्ट्रभाषा की संज्ञा से अभिहित किया जाता है। हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा है।
राजभाषा :- राजभाषा का अर्थ है संविधान द्वारा स्वीकृत सरकारी कामकाज की भाषा। किसी देश का सरकारी कामकाज जिस भाषा में करने का निर्देश संविधान के प्रावधानों द्वारा दिया जाता है, वह उस देश की राजभाषा कही जाती है।
भारत के संविधान में हिन्दी भाषा को राजभाषा का दर्जा दिया गया है, किन्तु साथ ही यह भी प्रावधान किया गया है कि अंग्रेजी भाषा में केन्द्र सरकार अपना कामकाज तब तक कर सकती है जब तक हिन्दी राजभाषा के रूप में पूरी तरह स्वीकार्य नहीं हो जाती। यह अवधि प्रारम्भ में 1950 से 1965, यानि 15 वर्षों के लिए थी जिस 1965 में संविधान संशोधन द्वारा अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दिया गया है।
माध्यम भाषा :- माध्यम भाषा से तात्पर्य उस भाषा से जिसके माध्यम से शिक्षण-प्रशिक्षण होता है। अर्थात् वह भाषा जिसके माध्यम से हम शिक्षा प्राप्त करते हैं, वह हमारी माध्यम भाषा कहलाती है।
आजकल विद्यालयी व विश्वविद्यालयी स्तर पर हिन्दी व कुछेक विषयों को छोड़कर शेष सभी विषयों का शिक्षण अंग्रेजी के माध्यम से किया जा रहा है। परिणाम स्वरूप हिन्दी केवल हिन्दी भाषा और साहित्य के लिए सीमित हो गई है।
संचारभाषा :- संचार भाषा से तात्पर्य है संचार माध्यमों द्वारा प्रयुक्त भाषा । सामान्यतः जनसंचार माध्यमों की तीन श्रेणियों (मुद्रण संचार माध्यम, इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यम, नवीन संचार माध्यम) के अंतर्गत समाचार पत्र, पत्रिकाएं, पुस्तकें, पोस्टर, पम्फलेट, रेडियो, ऑडियो केसेट, टी.वी., वीडियो कैसेट, सी.डी., फिल्में तथा इन्टरनेट व कम्प्यूटर प्रणाली, उपग्रह संचार आदि को लिया जाता है। इन सभी माध्यमों में अधिकाधिक हिन्दी का प्रयोग हो रहा है। सभी विज्ञापन कंपनियों द्वारा किसी उत्पाद के प्रचार-प्रसार के लिए हिन्दी का प्रयोग किया जा रहा है। हिन्दी फिल्मों ने भी हिन्दी के प्रचार में पर्याप्त योगदान दिया है। इस प्रकार संचार भाषा के रूप में हिंदी का भविष्य उज्ज्वल दिखाई दे रहा है।
